Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
Blog Article
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
It contains forty verses (chalisa), composed in the Hindi language. The chalisa is structured in a very poetic format and is commonly recited by devotees as a way to praise and search for blessings from Lord Shiva.
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
कहे Shiv chaisa अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥